मुंबईः फेरीवालों का मुद्दा अब राजनीतिक रंग लेने लगा है. बोरीवली में बीजेपी विधायक संजय उपाध्याय ने फेरीवालों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है तो वहीं मुलुंड में किरीट सोमैया ने फेरीवालों में बांग्लादेशियों की घुसपैठ का आरोप लगाते हुए अभियान छेड़ने का ऐलान कर दिया है. दूसरी तरफ फेरीवालों के अधिकारों की रक्षा के कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश शेट्टी भी अब लड़ाई में कूद पड़े हैं. नतीजतन बीएमसी चुनाव की पृष्ठभूमि हॉकर्स के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ठनने के संकेत मिल रहे हैं.
मुलुंड में फेरीवालों के अधिकारों की रक्षा के लिए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रवक्ता राकेश शंकर शेट्टी ने दृढ़ता पूर्वक बीएमसी की कार्रवाई के विरोध का ऐलान कर दिया है. शेट्टी ने सोमवार को महाराष्ट्र विकास आपाड़ी (मविआ) के वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं तथा मुलुंड स्थित एमजी रोड के सैकड़ों हॉकर्स के साथ सहायक मनपा आयुक्त, टी-वार्ड बीएमसी कार्यालय पर मोर्चा निकाला. शेट्टी ने टी वार्ड मनपा आयुक्त के समक्ष फेरीवालों के पर लगाए गए आरोपों खारिज किया तथा बीएमसी की कार्रवाई को अन्याय और दमनकारी बताया. इस दौरान उन्होंने मनपा के संबंधित अधिकारियों को विस्तृत निवेदन भी दिया.


शेट्टी ने कहा, “यह सड़कें हमारी हैं, यह शहर हमारा है और ये हॉकर्स भी हमारे ही भाई हैं. उन्होंने याद दिलाया कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने हॉकर्स की सुरक्षा के लिए कानून बनाया था, जिसके तहत फेरीवालों का जीवन सुरक्षित और सुलभ बनाने तथा उन्हें सार्वजनिक जगहों पर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन टी-वार्ड में एक तरफ हॉकर्स को 10 हजार, 20 हजार और 50,000 रुपए तक का कर्ज दिया जा रहा है ताकि वे स्वयं रोजगार कर सकें. दूसरी तरफ उन पर जुर्माना, जब्ती कार्रवाई करके उनका आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है. यह अन्याय तुरंत बंद होना चाहिए.
राजनीतिक मोहरा बन रही बीएमसी
शेट्टी ने आगे कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीएमसी कर्मचारी सत्ताधारियों के राजनीतिक मोहरे की तरह हॉकर्स को निशाना बना रहे हैं. शेट्टी ने तह की बात से कहा कि देश में बेरोजगारी चरम पर है, उस पर फेरीवालों को बेरोजगार बनाकर बीएमसी अधिकारी कर्मचारी उनके परिजनों को भुखमरी के कगार पर धकेलने का पाप कर रहे हैं. स्थानीय हॉकर्स, जो वर्षों से ईमानदारी से काम कर रहे हैं, उन्हैं प्रताड़ित किया जा रहा है. फेरीवालों में बांग्लादेशियों की घुसपैठ के आरोपों का जवाब देते हुए शेट्टी ने कहा कि घुसपैठ रोकना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. स्थानीय हॉकर्स की नहीं. बांग्लादेशियों का बहना बनाकर फेरीवालों को निशाना बनाना पूरी तरह अस्वीकार्य है. शेट्टी ने चेतावनी दी है कि यदि अन्याय जारी रहा तो महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (MVA) और कांग्रेस हॉकर्स के अधिकारों के लिए सड़क पर उतरेगी.

शेट्टी ने की निम्नलिखित मांगें
टी-वार्ड में सभी दंडात्मक कार्रवाई तुरंत बंद की जाए
2014 के हॉकर्स प्रोटेक्शन एक्ट और अन्य संबंधित कानूनों का पालन सुनिश्चित किया जाए
सभी हॉकर्स का न्यायसंगत और कानूनी व्यवहार सुनिश्चित किया जाए ताकि उनके रोजगार की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.

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