मुंबई. महाराष्ट्र की महायुति सरकार के मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच खुद को श्रेष्ठ सीएम साबित करने की होड़ चल रही है. सीएम पद से हटने के बाद उप मुख्यमंत्री बने एकनाथ बार-बार कहके हैं कि मैं जनता का मुख्यमंत्री हूं. लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पिछली महायुति सरकार के कई निर्णयों को बदल कर ये साबित कर चुकी है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्ववाली महायुति सरकार के दौरान कई निर्णय जनता के लिए नुकसानदेह साबित हुए हैं. इसलिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्ववाली पिछली महायुति सरकार द्वारा शपथ पत्रों के लिए लगनेवाला 500 रुपए के स्टाम्प शुल्क का फैसला आंशिक रूप से  बदल दिया है.
शिंदे के नेतृत्ववाली पिछली सरकार ने गत वर्ष शपथ पत्र के लिए स्टाम्प ड्यूटी 100 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए करने का निर्णय लिया था. लेकिन अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली महायुति की नई सरकार ने पिछले आदेश को में कुछ बदलाव किया है. सरकार ने शैक्षणिक कार्यों के लिए लगनेवाले शपथ पत्रों के लिए लगनेवाला 500 रुपए के स्टाम्प शुल्क को पूरी तरह से माफ कर दिया है. इस निर्णय से राज्य के लाखों छात्रों एवं उनके अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी. राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस निर्णय को तुरंत प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया है. बजट सत्र के तीसरे दिन राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विधान भवन परिसर में महायुति सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि पिछली सरकार के न्यूनतम शुल्क 100-200 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए करने से खासकर छात्रों को सरकारी (तहसील) कार्यालय जाति सत्यापन प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निवासी प्रमाण पत्र, गैर-आपराधिक परत प्रमाणपत्र लेने के लिए काफी आर्थिक नुकसान हो रहा था. इसलिए सरकार ने शैक्षणिक कार्यों के लिए लगनेवाले 500 रुपए के शपथ पत्र के नियम को खत्म करने का निर्णय लिया है. नए निर्णय से छात्रों को बहुत लाभ मिलेगा.

साधारण स्व-सत्यापित आवेदन से हो जाएगा काम
10वीं और 12वीं के रिजल्ट के बाद छात्रों और अभिभावकों को एक हलफनामा जमा करना होता है और इन सभी प्रकार के प्रमाण पत्रों की कुल लागत लगभग 3 से 4 हजार होती है. लेकिन अब यह खर्च बचने वाला है. नए निर्णय के अनुसार, अब स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र की जगह एक साधारण कागज पर साधारण स्व-सत्यापित आवेदन लिखने से भी तहसील एवं दूसरे सरकारी कार्यालयों से प्रमाण पत्र मिल जाएगा.

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