विदर्भ और उत्तरी महाराष्ट्र में सिंचाई को बढ़ावा
5.78 लाख एकड़ कृषि क्षेत्र को मिलेगा लाभ

भोपाल. तापी मेगा रिचार्ज परियोजना को लेकर महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के बीच शनिवार को एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. इस सिलसिले में भोपाल पहुंचे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि लगभग 19,244 करोड़ रुपए के इस समझौते की वजह से विदर्भ और उत्तर महाराष्ट्र के बड़े कृषि क्षेत्र को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा.
सिंचाई और जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश अंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल की बैठक शनिवार को भोपाल में हुई. बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं जल संपदा मंत्री तुलसीराम सिलावट, कुंवर विजय शाह सहित दोनों राज्यों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे. बैठक के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि आज का दिन महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक दिन है. ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना का हमने पहले से ही संकल्प किया था. आज इस पर दोनों राज्यों की सहमति मिली और इसके लिए सामंजस्य करार हुआ है. इसके पहले वर्ष 2000 में बैठक हुई थी, उसके बाद वर्ष 2025 में यह बैठक हुई है. इस परियोजना को लेकर दोनों राज्य एक-दुसरें के संपर्क में थे. केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद उन्होंने आंतरराज्य जल समझौते को गति देने की बात कही और वर्ष 2016 से हमने इसे गति देने का काम किया है.
खारेपानी वाले इलाकों का मिलेगा लाभ
फडणवीस ने कहा कि तापी मेगा रिचार्ज यह विश्व का एक अजूबा है. इस परियोजना की वजह से महाराष्ट्र को 2,34,706 हेक्टेयर में सिंचाई का लाभ होगा. वहीं मध्यप्रदेश को 1,23,082 हेक्टेयर तक सिंचाई लाभ होगा. महाराष्ट्र में जहां पर खारे पानी का क्षेत्र है. जिसकी वजह से पीने के पानी और सिंचाई की समस्या पेश आती है, वहां पर इस परियोजना से अधिक लाभ मिलेगा. इसमें जलगांव, अकोला, अमरावती, बुलढाणा इन भागों में बड़ी राहत मिलेगी. साथ ही किसानों के जीवन में बड़ी क्रांति होगी और अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी. केंद्रीय योजना के रूप में इसका स्वीकार करने की विनती अब हम फिर से दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री मिलकर केंद्र सरकार की ओर करेंगे.
कई क्षेत्रों में है साथ आने की संभावनाएं
फडणवीस ने कहा कि बैठक में महाराष्ट्र के डांगुर्ली बैरेज, जामघाट जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को भी हमने रखा. जामघाट परियोजना के लिए 28 साल पहले मैं मध्यप्रदेश में तत्कालिन मुख्यमंत्री के साथ आया था. अब उसे भी गति मिल रही है और इस बात की खुशी है. इस जामघाट की वजह से नागपुर शहर के लिए आगामी 30-40 वर्षों में पानी उपलब्ध होगा. अब अक्तूबर में अगली बैठक होगी. महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश कौन-से क्षेत्र में एक साथ काम किया जा सकता है, इस दृष्टि से भी अनेक बिंदुओं पर इस बैठक में चर्चा किए जाने की जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी.
ऐसा है तापी मेगा रिचार्ज परियोजना का स्वरूप
· तापी नदी पर मध्यप्रदेश के खरिया गुटी घाट पर तालाब

· कुल सिंचाई का लाभ : 3,57,788 हेक्टेयर

· महाराष्ट्र को लाभ : 2,34,706 हेक्टेयर (जलगाँव, अकोला, बुलढाणा, अमरावती) (यानि तकरीबन 5.78 लाख एकड़)

· मध्यप्रदेश को लाभ : 1,23,082 हेक्टेयर (बुर्‍हाणपुर, खंडवा)

· पानी का कुल उपयोग : 31.13 टीएमसी

· महाराष्ट्र : 19.37 टीएमसी/मध्यप्रदेश : 11.76 टीएमसी

· योजना की कीमत : 19,244 करोड़ (2022-23 की कीमत)

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