मुंबई. पुराने आर्थिक विवाद की वजह से दक्षिण मुंबई के 50 वर्षीय जौहरी धनराज (काल्पनिक नाम) का अपहरण करने तथा लगभग 76 लाख रुपए का सोना, 2. 99 लाख रुपए के हस्ताक्षरित चेक लूटने तथा यूपीआई के जरिए 15 हजार रुपए अकाउंट में ट्रांसफर करवाने के आरोप में एल. टी. मार्ग पुलिस ने शिवडी के दो स्वर्ण व्यवसायियों सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों में एक महिला भी शामिल है. गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान तारक मैती (35), रघुनाथ मैती (34), दीपक महाडिक (45), अलका, राहुल दिवे (30) और सुनील गोराई (28) के रूप में हुई है. आरोपियों में शामिल मैती बंधु नवी मुंबई के निवासी और पेशे से स्वर्ण व्यवसायी हैं, जबकि मध्य मुंबई निवासी दीपक और अलका पति पत्नी है. इसी तरह राहुल, गोवंडी तथा सुनील, कालबादेवी का निवासी है.
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता (धनराज) दक्षिण मुंबई में सोने के आभूषणों की कार्यशाला चलाते हैं. पूर्व में धनराज ने कथित तौर पर मैती भाइयों से 600 ग्राम सोना लिया था. मैती भाइयों का आरोप है कि धनराज ने उन्हें धोखा दिया था और सोना वापस नहीं लौटाया. जबकि धनराज का कहना है कि उसने मैती भाइयों को सोना लौटा दिया था. मैती बंधु, धनराज को सबक सिखाना चाहते थे. उन्होंने अपने दोस्त सुनील गोराई को धनराज की कथित दगाबाजी की जानकारी दी और उन्हें सबक सिखाने की इच्छा व्यक्त की. गोराई ने अपनी परिचित दबंग महिला अलका से संपर्क किया.
20% कमीशन के लिए किया अपहरण
एल. टी. मार्ग पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक नितिन तडके ने बताया कि अलका ने अपने पति दीपक और राहुल के साथ मिलकर धनराज के अपहरण की योजना बनाई. क्योंकि अलका और उनकी टीम को पीड़ित से बरामद की जाने वाली राशि में से 20 प्रतिशत की कमीशन देने का वादा मैती बंधुओं ने किया था.
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
पुलिस के अनुसार, अलका, उसका पति राहुल और सुनील दक्षिण मुंबई में धनराज के आवास के पास इंतजार कर रहे थे. धनराज जब वहां पहुंचा तो उन्होंने उसे जबरन कार में बैठा लिया और परेल की एक इमारत की तीसरी मंजिल पर स्थित मकान में ले जाकर धनराज को बंद कर दिया. बाद में मैती बंधु भी मौके पर पहुंच गए. पुलिस के अनुसार, वहां आरोपियों ने धनराज को बंद कमरे में बुरी तरह से प्रताड़ित किया था. उन्हें 591 ग्राम सोना, 2.99 लाख रुपए के दो चेक सौंपने तथा गूगल पे (जीपे) यूपीआई के जरिए 15 हजार रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर करने को भी मजबूर किया. आरोपियों ने 14 अक्टूबर को अपहृत धनराज को 15 अक्टूबर को दोपहर के समय रिहा कर दिया. रिहा होने के बाद धनराज सीधे एल. टी. मार्ग पुलिस स्टेशन गया और वहां उसने अधिकारियों को अपने आपबीती सुनाई. धनराज के बयान के आधार पर मामला दर्ज करके पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए सभी छह अभियुक्तों का पता लगाया गया और 16 अक्टूबर की सुबह उनके आवासों से उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उन पर भारतीय न्याय संहिता (बी. एन. एस.) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, अदालत में पेश किया गया और 18 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

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