मुंबई. विवाहेत्तर संबंध आजकल अपराध खासकर कत्ल का सबसे बड़ा कारण साबित हो रहे हैं. नाजायज संबंधों के लिए लोग जीवनसाथी की जान के दुश्मन बनने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला मुंबई से सटे पालघर जिले से सामने आया है. जहां एक युवक ने अपनी पत्नी को उसके प्रेमी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में रंगे हाथ पकड़ लिया. उसने गुस्से में पत्नी को 5/6 थप्पड़ जड़ दिए. लेकिन हवस की आग में अंधी हुई पत्नी ने अपनी बेवफाई पर लगाम लगाने की बजाय पति को ही मौत के घाट उतार दिया. इतना ही नहीं उसने पति की लाश के तीन टुकड़े कर दिए और उन टुकड़ों को गड्ढा खोदकर घर में ही दफना दिया और मजदूरों को बुलाकर ऊपर टाइल लगवा दिया था.
मिली जानकारी के अनुसार, 35 वर्षीय विजय चौहान नालासोपारा- पूर्व में गंगदीपाड़ा स्थित साई वेल्फेयर सोसायटी चॉल में अपनी पत्नी चमन उर्फ गुड़िया देवी और सात साल के बेटे के साथ रहता था. करीब महीने भर पहले विजय अचानक लापता हो गया था.
ऐसे खुला राज
विजय मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला स्थित गांव का निवासी था. गांव से उसकी मां और भाई फोन करते थे तो विजय का फोन गुड़िया उठाती थी. विजय के बारे में पूछने पर वह कहती थी कि बाहर गए हैं. लगभग 15 दिनों तक बात करने का प्रयास करने के बाद भी जब परिजन नाकाम हुए तो विजय का भाई अखिलेश नालासोपारा पहुंच गया. लेकिन विजय के घर के बाहर ताला जड़ा था. दरवाजे के पास जाने पर उसे कमरे से अजीब सी दुर्गंध का एहसास हुआ. जबकि विजय के साथ-साथ गुड़िया का भी फोन बंद था.
घर में दफन थी लाश
अनिष्ट की आशंका से ग्रस्त अखिलेश सीधे पेल्हार पुलिस थाने पहुंच गया. अखिलेश से मिली जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा किसी तरह खुलवाया तो अंदर कमरे में सब कुछ सामान्य दिख रहा था. लेकिन बदबू सभी के लिए पहली थी. तभी अखिलेश ने फर्श की तीन अलग टाइलों को देख कर संदेह व्यक्त किया, जो कि नई लग रही थी. पुलिस ने उन टाइलों को तुड़वाकर वहां खुदाई शुरू करवाई. करीब 4 फूट खुदाई के बाद अंदर विजय की तीन टुकड़ों में कटी लाश बरामद हुई.
मां ने किया था आगाह
बताया जा रहा है कि विजय की मां कुछ महीने पहले इलाज के लिए मुंबई आई थी. उस दौरान अक्सर घर में आने वाले पड़ोसी युवक मोनू विश्वकर्मा को देख कर विजय की मां को शक हुआ था. क्योंकि मोनू मूल रूप से बिहार का निवासी था. अलग राज्य और अलग जाती होने के बाद भी गुड़िया से मोनू की घनिष्ठता विजय की मां को खटकी थी. मां ने विजय को इस बारे में आगाह किया था. इलाज के बाद मां वापस जौनपुर लौट गई. लापता होने से दो रोज पहले विजय ने गुड़िया को मोनू के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया था. तब उसने गुड़िया को 5-6 थप्पड़ जड़ दिए थे. बाद में विजय ने गुड़िया की बेवफाई की बात अपनी मां को बताया था. विजय ने कहा था कि मां आपका शक सही था.
हवा ने हटाया गुड़िया का ‘नकाब’
पेल्हार पुलिस की कई टीमें गुड़िया और उसके प्रेमी मोनू की तलाश में लगी थी. सीसीटीवी फुटेजों एवं अन्य तकनीकी साक्ष्यों की मदद से गुड़िया के पुणे में होने की जानकारी मिली थी. इसलिए पुलिस गुड़िया की कॉल डिटेल की लोकेशन के आधार पर पुणे पहुंच गई थी. पुलिस के पास पुणे में गुड़िया के ठिकाने की ठोस जानकारी नहीं थी. इसलिए पुलिस की टीम गुड़िया के घर से बाहर निकलने का इंतजार करने लगी. पुलिसकर्मी बाजारों में गुड़िया को ढूंढ रही थी. इसके ईश्वर ने पुलिस की मदद की. अपने मुंह को दुप्पटे से ढंक कर गुड़िया एक मेडिकल स्टोर पर कुछ खरीदने आई थी. लेकिन दुर्भाग्य से तेज हवा के कारण उसका दुपट्टा खुल गया और पुलिसकर्मियों ने उसे देखकर पहचान लिया. गुड़िया ने पुलिस को बताया कि जब विजय के परिजन फोन पर ज्यादा परेशान करने लगे तो वह डर गई. वह जानती थी कि विजय के परिजन कभी भी मुंबई आ सकते हैं इसलिए 19 जुलाई को वह मोनू के साथ पुणे भाग आई.
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