मुंबई. मुंबई की वाकोला पुलिस ने एक 60 वर्षीय बुजुर्ग व्यापारी की हत्या के मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हैरानी की बात यह कि चलती ट्रेन से व्यापारी का अपहरण करके दुस्साहसी आरोपियों ने अपहरण के मामले में यूपी-बिहार के गिरोहबाजों को पीछे छोड़ दिया. हालांकि पुलिस ने भी उसी तरह से तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को 24 घंटे से भी कम समय में सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.
सांताक्रुज पूर्व स्थित प्रभात कॉलोनी में रहने वाले 42 वर्षीय मुकेश चौधरी (बदला हुआ नाम) के 60 वर्षीय पिता किशन चौधरी (बदला हुआ नाम) कपड़े का कारोबार करते हैं. बताया जा रहा है कि किशन कारोबार के लिए अक्सर गुजरात जाते रहते हैं. कारोबार के सिलसिले में गुजरात गए किशन 24 फरवरी को मुंबई लौट रहे थे. वह गुजरात के कच्छ जिले के बच्छाव रेलवे स्टेशन मुंबई जा रही कच्छ एक्सप्रेस ट्रेन में सवार हुए थे. लेकिन बीच रास्ते में किसी ने उनका चलती ट्रेन से अपहरण कर लिया.
बेटे को आया फिरौती का फोन
मुंबई के 60 वर्षीय कपड़ा व्यापारी के अपहरण का खुलासा उनके बेटे को आए फिरौती के फोन कॉल से हुआ. रात 7 / 8 के दरम्यान मुकेश को किसी ने फोन करके कहा कि किशन को अगवा कर लिया गया है. अपहर्ता ने रिहाई के बदले 25 लाख रुपयों की मांग की और 24 घंटों में अंगड़िया के जरिए पैसे भेजने का आदेश दिया. फोन करने वाले ने ये भी कहा कि पैसे नहीं मिलने पर वे किशन की चाकू मारकर हत्या कर देंगे.

बेटे ने दिखाई समझदारी
पिता के अपहरण और फिरौती के लिए धमकी मिलने के बाद मुकेश पहले तो बेहद डर गया था. लेकिन बाद में उसने समझदारी दिखाते हुए वाकोला पुलिस स्टेशन में अपने पिता किशन के अपहरण की शिकायत दर्ज करा दी.

पुलिस की तत्परता से दबोचे गए आरोपी
बुजुर्ग व्यापारी की चलती ट्रेन से अपहरण की घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने मामले की जांच शुरू की.

आरोपी बदल रहे थे ठिकाना
व्यापारी का अपहरण ट्रेन से कैसे और कहां से किया गया, इसकी कोई जानकारी पुलिस के पास नहीं थी. आरोपियों ने फिरौती की रकम भेजने के लिए समय भी कम दिया था. इसलिए पुलिस ने धमकी की कॉल वाले नंबर की लोकेशन जांचनी शुरू की. लेकिन मोबाइल फोन बार-बार बंद करने व आरोपी द्वारा लोकेशन बदलने की वजह से पुलिस को सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी. लेकिन पुलिस ने ये नोट किया कि कॉल करने वाला शख्स ज्यादातर कांदिवली क्षेत्र में ही विचरण कर रहा था. इसलिए पश्चिम प्रादेशिक विभाग के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त परमजीत सिंह दहिया व डीसीपी मनीष कलवानिया के मार्गदर्शन तथा वाकोला पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रकाश खांडेकर के नेतृत्व में पीआई अमर पाटिल की टीम ने पूरा ध्यान आरोपी के संभावित ठिकाने को चिन्हित करके कांदिवली में जाल बिछा दिया. पुलिस की मेहनत रंग लाई. अपहर्ताओं में शामिल फोन करने वाला शख्स पुलिस के हत्थे चढ़ गया. उससे पुलिसिया अंदाज पूछताछ के बाद पुलिस ने राममंदिर इलाके में छापेमारी की तथा वारदात में शामिल दूसरे दो आरोपियों को गिरफ्तार करके अपहृत उजुर्ग को सकुशल मुक्त करा लिया.

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