मुंबई. बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान के घर में घुस कर जानलेवा हमला करने के मामले में बांद्रा पुलिस ने 30 वर्षीय युवक मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद को गिरफ्तार किया था. शहजाद एक बांग्लादेशी नागरिक है, जो कि अवैध मार्ग से भारत व मुंबई में घुस आया था. शहजाद की गिरफ्तारी के बाद मुंबई सहित देश भर में बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों का मुद्दा गरमाने लगा है. इसी बीच मुंबई में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई में मुंबई पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. गत वर्ष अप्रैल 2024 में मुंबई पुलिस के आपराधिक खुफिया दस्ते द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन बांग्लादेशी घुसपैठियों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है. अवैध मार्ग से भारत में घुसपैठ करके मुंबई तक पहुंच आए आरोपी घुसपैठियों ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से भारतीय नागरिकता से संबंधित आधार, पैन कार्ड आदि दस्तावेज भी हासिल कर लिए थे.
आपराधिक खुफिया दस्ते के प्रभारी पुलिस निरीक्षक मिलिंद काते को 24 अप्रैल 2024 को मुंबई रह रहे घुसपैठिए बांग्लादेशियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी. उक्त गुप्त सूचना के बाद पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर, विशेष पुलिस आयुक्त देवेन भारती, संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) लक्ष्मी गौतम, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) शशि कुमार मीना तथा पुलिस उपायुक्त (प्रकटीकरण) दत्ता नलावडे के मार्गदर्शन में पीआई काते की टीम ने मुंबई के चेंबूर क्षेत्र अंतर्गत आर.सी.एफ. स्थित विष्णु नगर म्हाडा कॉलोनी में छापेमारी की. इस कार्रवाई के दौरान तीन संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिए गया. जांच में उनकी पहचान फिरदौस मोहम्मद कासिम गाजी, चंचल हुसैन अनीस सरदर तथा मोहम्मद शाहिद आकाश अली शेख के रूप में सामने आई. जांच में तीनों बांग्लादेशी नागरिक निकले. उनके खिलाफ आरसीएफ पुलिस स्टेशन में जीआर नं. 125/2013 के अनुसार आईपीसी की विभिन्न धाराओं सहित 3(ए), 6(ए) पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1950 धारा 3(1) के साथ विदेशी विषयक आदेश, 1948 धारा 13, 14( क), 14 (ख) विदेशी अधिनियम, 1946 के तहत मामला दर्ज किया गया था. बाद में मामले की जांच क्राइम ब्रांच यूनिट-2 को स्थानांतरित कर दी गई.

मंगलवार को आया कोर्ट का फैसला
इस मामले में पुलिस निरीक्षक दिलीप तेजनकर ने वैज्ञानिक तरीके से अपराध की जांच की और तीनों आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया. माननीय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय अष्टम की न्यायाधीश कंचन झंवर ने मामले की सुनवाई के बाद उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर तीनों आरोपियों को भादंसं की धारा 465, 468, 471 के साथ ही धारा 14 के तहत कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई. इसी तरह आरोपियों को पासपोर्ट अधिनियम, 1950 की धारा 3(1) तथा विदेशी विषयक अधिनियम, 1946 के अंतर्गत भी सजा सुनाई गई है.
इसलिए जरूरी है सख्त कार्रवाई
पश्चिम बंगाल, आसाम और पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों से भारत में घुसपैठ करनेवाले बांग्लादेशी घुसपैठिए अब मुंबई सहित पूरे देश में फैलते जा रहे हैं. फेरीवालों के रूप में संदिग्ध बंगाली नागरिक रेलवे स्टेशनों तथा तमाम महत्वपूर्ण इलाकों के फुटपाथों तथा खाली भूखंडों पर कब्जा जमा रहे हैं. इनकी संख्या मुंबई की हिंदू बस्तियों में भी तेजी से बढ़ने लगे हैं. इसकी वजह से मुंबई में कई इलाकों की डेमोग्राफी बदलने लगी है. रोजगार की तलाश में हिंदुस्तान में घुसपैठ करनेवाले बांग्लादेशी अब तक भारतीय लोगों के रोजगार पर डाका डाल रहे थे. नकली नोट, मादक पदार्थों की तस्करी, सहित दूसरे अपराधों में घुसपैठियों की बढ़ती संलिप्तता पुलिस और प्रशासन के लिए चुनौती साबित हो रही है. इतना ही नहीं, इनकी वजह से देश पर आतंकी हमलों का खतरा भी बढ़ने लगा है. इसलिए बांग्लादेशियों के खिलाफ कड़ी और सख्त कार्रवाई बेहद जरूरी हो गई है.
20 दिन में 42 बांग्लादेशी दबोचे गए
उपरोक्त खतरे को भांपते हुए मुंबई पुलिस ने घुसपैठिए बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. 1 जनवरी 2025 से अब तक की गई कार्रवाइयों में पुलिस ने 28 मामलों में 42 घुसपैठियों को गिरफ्तार किया. इस दौरान घुसपैठियों की मदद करनेवाले एक भारतीय नागरिक को बी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी दस्तावेजों की मदद से हासिल किए गए 14 आधार कार्ड, 4 फर्जी आधार कार्ड, 7 फर्जी वोटिंग कार्ड और 3 फर्जी बांग्लादेशी पासपोर्ट जब्त किए गए हैं. इन मामलों की जांच मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है.