आरोपी को पांच दिन की पीसी
मुंबई. मुंबई. बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हुए जानलेवा हमला मामले में मुंबई पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद आरोपी को ठाणे के कासरवडवली इलाके से गिरफ्तार कर लिया है. 16 जनवरी की रात घटी इस सनसनीखेज घटना का बांग्लादेशी कनेक्शन सामने आया है. गिरफ्तार आरोपी मूल रूप से बांग्लादेशी घुसपैठिया निकला, जो कि 6 महीने पहले मुंबई पहुंचा था. पुलिस ने इस मामले में अंतरराष्ट्रीय साजिश की आशंका व्यक्त की है. बांद्रा पुलिस ने रविवार को आरोपी को बांद्रा कोर्ट में पेश किया. जहां से कोर्ट ने उसे आगे की जांच के लिए पांच दिनों (24 जनवरी तक) के लिए पीसी (पुलिस हिरासत) में भेज दिया है.
अभिनेता सैफ अली खान पर 16 जनवरी की रात उन्हीं के घर में हमला हुआ था. सैफ के घर में रात 2 बजे चोरी के इरादे से घुसे चोर को नौकरानी ने सबसे पहले देखा था. उसने टोका तो आरोपी एक करोड़ रुपए की मांग करने लगा. नौकरानी की चीख सुनकर सैफ भी वहां पहुंच गए. उन्होंने नौकरानी और अपने छोटे बेटे को बचाने का प्रयास किया तो आरोपी ने उन पर चाकू से हमला बोल दिया. सैफ पर चाकू से छह वार करने के बाद वह मौके से फरार हो गया. गंभीर रूप से घायल सैफ को उनके बड़े बेटे इब्राहीम ने ऑटो रिक्शा में लीलावती अस्पताल पहुंचाया था. जहां सैफ को सेफ करने के लिए डॉक्टरों को उनकी सर्जरी भी करनी पड़ी थी. इस मामले में अब पुलिस ने 30 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. उसकी पहचान मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद के रूप में सामने आई है. बताया जा रहा है कि वह मूलतः बांग्लादेश का नागरिक है और बांग्लादेश के राजाबरिया नॉलेज सिटी, झालो काठी का रहने वाला है. आरोपी मुंबई में विजय दास और बिजॉय दास नाम से रह रहा था. पुलिस को उसके पास से एक आधार कार्ड के अलावा ऐसा कोई और दस्तावेज नहीं मिला है. जिससे उसके हिन्दुस्तानी नागरिक होने की पुष्टि हो सके. वह एक हाउसकीपिंग एजेंसी के माध्यम से मुंबई, ठाणे, भिवंडी व आसपास के इलाकों में काम कर रहा था.
रडार पर आया आरोपी
सैफ पर हमला मामले में बांद्रा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी. स्थानीय पुलिस सहित मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की 35 टीमों में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी एवं अधिकारी आरोपी की तलाश में लगे थे. आरोपी ने हालांकि खुद को छिपाने का हर संभव प्रयास किया लेकिन भागते समय सैफ की इमारत के एक सीसीटीवी कैमरे में उसकी छवि कैद हो गई. उस तस्वीर की मदद से पुलिस ने कई संदिग्ध आरोपियों की जांच की. कुछ संदिग्ध अपराधियों को हिरासत में लेकर उनसे गहन पूछताछ की गई. लेकिन कुछ खास हासिल नहीं हुआ.
पुलिस ने आरोपी को ऐसे दबोचा
बाद में पुलिस ने घटनास्थल के मोबाइल टॉवर के आधार पर डंब डाटा निकाला तथा सैफ के घर से बांद्रा रेलवे स्टेशन तक के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली. इसमें सुबह करीब 7 बजे एक सीसीटीवी कैमरे में पुलिस को संदिग्ध की एक और छवि मिल गई. इसमें आरोपी की शर्ट और घटनास्थल की फुटेज की शर्ट अलग थी. लेकिन पीठ पर लदे बैग ने आरोपी की पोल खोल दी. आरोपी ने सुबह 7:30 से 8:00 बजे के बीच बांद्रा स्टेशन से लोकल ट्रेन पकड़ कर दादर रेलवे स्टेशन पहुंचा. उसने वर्ली में एक अस्थाई घर का प्रबंध किया था. वह वहां गया भी लेकिन मीडिया व सोशल मीडिया में वायरल हुई अपनी तस्वीर देखकर उसने कहीं और छिपने का निर्णय लिया. सुबह करीब 9 बजे उसने दादर में मोबाइल फोन की दुकान से एक हेडफोन खरीदा था. इसके बाद वह लोकल ट्रेन से ठाणे पहुंचा और वहां से कासरवडवली चला गया. वह मजदूरों के एक शिविर में छिप गया था. दूसरी तरफ डम डाटा के आधार पर एक संदिग्ध मोबाइल नंबर को चिन्हित करके पुलिस ने आगे की जांच शुरू की. उक्त संदिग्ध मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल से पुलिस को आरोपी के एक पुराने मालिक और लेबर सप्लायर (ठेकेदारों) के नंबर मिल गए. मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर आरोपी को ढूंढ़ते हुए पहले वर्ली फिर कासरवडवली पहुंच गई. पुलिस को पता चला है कि गिरफ्तारी के डर से आरोपी ने अपना नाम बदल लिया था. पुलिस के आने की भनक लगते ही आरोपी श्रमिक शिविर के पास स्थित घने जंगल में जाकर छिप गया था. उसने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर लिया था. वह बार – बार जंगल में अपना ठिकाना बदलता रहा. इस दौरान आरोपी ने एक बार अपना मोबाइल ऑन किया और उसकी तलाश में लगी पुलिस ने उस तक पहुंच गई. आरोपी को भारतीय ‘आधार’ प्राप्त करने में किसने मदद की? पुलिस अब इसकी गहन जांच कर रही है साथ-साथ यह भी जानने की कोशिश कर रही है आरोपी ने किसी और वारदात में तो शामिल नहीं रहा है?
क्यों किया हमला?
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह 12वीं पास है. रोजगार की तलाश में मुंबई आया था. ढंग का काम नहीं मिला तो वापस बांग्लादेश लौटना चाहता था. वह लगभग 50 हजार रुपयोंनल जुगाड के लिए चोरी करने निकला था. सूत्रों के अनुसार आरोपी बड़ा घर देखकर चोरी के इरादे से सैफ के घर में घुसा. लेकिन उसे यह नहीं पता था कि वह बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान का घर है. वारदात के बाद वह बांद्रा पश्चिम स्थित एक बस स्टॉप पर सोया रहा.
पुलिस की हुई किरकिरी
बांद्रा-पश्चिम के पॉश इलाके में ऊंची अट्टालिका सदगुरु शरण की 12 वीं मंजिल पर स्थित मकान में घटित इस घटना के बाद मुंबई में पुलिस के अस्तित्व एवं आम नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे. इस हाई प्रोफाइल मामले में मीडिया की मुस्तैदी के कारण पुलिस पर जबरदस्त दबाव देखने को मिला. आरोपी की गिरफ्तारी में देरी के होने के साथ स्थानीय पुलिस और क्राइम ब्रांच के बीच मतभेद भी उजागर हो गए. क्राइम ब्रांच के सूत्रों के हवाले से मीडिया में आई खबरों में संबंधित बांद्रा पुलिस पर आरोप लगाए गए कि अकेले श्रेय लेने के लिए बांद्रा पुलिस ने क्राइम ब्रांच और रेलवे पुलिस को घटना की सूचना समय पर नहीं दी जिसके कारण आरोपी को भागने का मौका मिल गया. हालांकि, इस दौरान स्थानीय एवं मुंबई के कई संदिग्ध पुलिस के रडार पर आए. सैफ के घर में मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने एक संदिग्ध को प्रभादेवी से तो वहीं एक अन्य को मुंबई से दुर्ग (छत्तीसगढ़) पहुंची शालीमार ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन से गिरफ्तार किया था. लेकिन जांच के बाद उन्हें छोड़ दिया गया.
आरोपी के वकील ने पुलिस के दावों को किया खारिज
बांद्रा कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी के वकील ने पुलिस के दावों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस के पास आरोपी के बांग्लादेशी नागरिक होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. वह करीब 6 से सात वर्षों से अपने परिवार के साथ मुंबई में रह रहा है. अभी उसके परिजन डरे हुए हैं, लेकिन बाद में सुनवाई के दौरान वे सामने आएंगे.