उत्तराधिकारी अभिलेखों को अद्यतन करने का रिकॉर्ड
मुंबई. राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने रविवार को कहा कि राजस्व विभाग के ‘जीवंत सातबारा’ अभियान से किसानों के लिए भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड को सरल बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जिसके तहत अब तक राज्य में पांच लाख से अधिक सातबारा भूखंडों पर वारिसान रिकॉर्ड तैयार करने का काम पूरा हो चुका है. यह राजस्व विभाग के लिए उत्तराधिकार रिकॉर्ड को अद्यतन करने का एक रिकॉर्ड है. जबकि राजस्व मंत्री बावनकुले ने लगभग 22 लाख अभिलेखों को अद्यतन करने का लक्ष्य रखा है तथा अनावश्यक और पुराने अभिलेखों को हटाने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है.
राजस्व विभाग ने सातबारा उतारा को और अधिक सहज और पारदर्शी बनाते हुए इस अभियान का दूसरा चरण महाराष्ट्र दिवस (1 मई, 2025) से शुरू किया है. इस अभियान में मृतक खाताधारकों के नाम हटाकर कानूनी उत्तराधिकारियों का नाम दर्ज किया जा रहा है. राज्य के 45,000 गांवों में प्रत्येक गांव में कम से कम 50 दर्रे (अनुच्छेदों पर प्रविष्टियों) का रिकॉर्ड बनाया जाएगा. तलाठी और मंडल अधिकारी ई-फेरफार प्रणाली के माध्यम से यह काम कर रहे हैं. इसके साथ ही, ‘अपारदर्शी नोट’, ‘एकल प्रविष्टि’, ‘बंधे हुए ऋण’, ‘भूमि सुधार ऋण’, ‘खाली सूची’ जैसी पुरानी प्रविष्टियों को हटाया जा रहा है. भूमि अधिग्रहण संबंधी आदेश, खेती न करने के आदेश, झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों का रूपांतरण, तथा कब्रिस्तान के अभिलेखों को भी अद्यतन किया जा रहा है. बुलढाणा और अकोला में सफल प्रयोगों के बाद यह अभियान पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है. किसानों को मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा. अद्यतन अंश भूलेख पोर्टल से डाउनलोड किए जा सकते हैं. डिजिटल प्रौद्योगिकी ने इस प्रक्रिया को आसान बना दिया है. माना जा रहा है कि इस अभियान से किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा.

भूमि खरीद-बिक्री, ऋण और भूमि सुधार भुगतान जैसी प्रक्रियाओं में किसानों को होने वाली कठिनाइयों में कमी आएगी. स्वामित्व अधिकारों पर विवाद कम होंगे और सरकारी योजनाओं के लिए सटीक आंकड़े उपलब्ध होंगे. हम किसानों को अदालत जाने से मुक्ति दिलाने के दृढ़ संकल्प के साथ इस अभियान को क्रियान्वित कर रहे हैं.

  • चंद्रशेखर बावनकुले, राजस्व मंत्री- महाराष्ट्र
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